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भारत में Google के खिलाफ जांच का आदेश, लगा ये बड़ा आरोप

भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) ने शुक्रवार को गूगल के खिलाफ बाजार में मजबूत स्थिति के कथित दुरुपयोग के लिए जांच का आदेश दिया। यह आदेश डिजिटल न्यूज पब्लिशर्स एसोसिएशन द्वारा दायर एक शिकायत के बाद दिया गया है।

By DNPA Team
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मुख्य बातें
  • CCI ने शुक्रवार को गूगल के खिलाफ बाजार में मजबूत स्थिति के कथित दुरुपयोग के लिए जांच का आदेश दिया
  • गूगल ने प्रतिस्पर्धा अधिनियम, 2002 की धारा-4 के प्रावधानों का उल्लंघन किया है
  • एसोसिएशन ने कहा कि समाचार वेबसाइटों पर अधिकांश ट्रैफ़िक ऑनलाइन सर्च इंजन से आता है

भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) ने शुक्रवार को गूगल के खिलाफ बाजार में मजबूत स्थिति के कथित दुरुपयोग के लिए जांच का आदेश दिया। यह आदेश डिजिटल न्यूज पब्लिशर्स एसोसिएशन द्वारा दायर एक शिकायत के बाद दिया गया है। 

सीसीआई ने कहा,  'सुचारू रूप से काम कर रहे लोकतंत्र में समाचार मीडिया की महत्वपूर्ण भूमिका को कम करके नहीं आंका जा सकता है और यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि डिजिटल कंपनी सभी हितधारकों के बीच आय का उचित वितरण निर्धारित करने की प्रतिस्पर्धी प्रक्रिया को नुकसान पहुंचाने के लिए अपनी मजबूत स्थिति का दुरुपयोग न करे।' 

आयोग ने एक आदेश में कहा कि प्रथम दृष्टया उसका विचार है कि गूगल ने प्रतिस्पर्धा अधिनियम, 2002 की धारा-4 के प्रावधानों का उल्लंघन किया है, जो बाजार में मजबूत स्थिति के दुरुपयोग से संबंधित है। यह आदेश डिजिटल न्यूज पब्लिशर्स एसोसिएशन द्वारा दायर एक शिकायत पर आया है। इसमें अल्फाबेट इंक, गूगल एलएलसी, गूगल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड और गूगल आयरलैंड लिमिटेड के खिलाफ शिकायत की गई थी।

एसोसिएशन ने कहा कि समाचार वेबसाइटों पर अधिकांश ट्रैफ़िक ऑनलाइन सर्च इंजन से आता है और Google को सबसे प्रमुख सर्च इंजन माना जाता है। समाचार वेबसाइटों पर कुल ट्रैफ़िक का 50 प्रतिशत से अधिक Google के माध्यम से भेजा जाता है और प्रमुख खिलाड़ी होने के नाते, Google अपने एल्गोरिदम के माध्यम से यह निर्धारित करता है कि कौन सी समाचार वेबसाइट सर्च के जरिए खोजी जाएगी।

साथ ही डिजिटल एडवरटाइजिंग स्पेस में मेजर स्टेकहोल्डर होने के नाते पब्लिशर्स को पेमेंट करने को लेकर भी एकतरफा निर्णय लेता है। ऐसे में एसोसिएशन के सदस्यों को विज्ञापन राजस्व का नुकसान उठाना पड़ता है और विश्वसनीय समाचार बनाने और काम करने के बावजूद समाचार प्रसार की मूल्य श्रृंखला में उचित हिस्सेदारी का सौदा करने में असमर्थता का सामना करना पड़ता है।

Source: Times Now NavBharat